कई दिन से एक ही मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है…. डेरा सच्चा सौदा का मुखिया राम रहीम…
डेरा सच्चा सौदा को बने 70 वर्ष हुए हैं…इतने समय में उसने करोड़ों लोगों को अपने साथ जोड़ लिया है…कल उस पाखण्डी बाबा के चक्कर में लोग पंचकुला व सिरसा में जान पर खेल गए….काफी समय पहले से समर्थक वहां जुटना शुरू हो गए थे…साधनो से वहां जा रहे समर्थकों को रास्ते से ही वापिस मोड़ दिया जा रहा था…फिर भी वो वहां कैसे पहुंचे…बसों से,रेल से व ज्यादातर पैदल यात्रा करके…सोचने की बात है कि आखिर लोग क्यों इतना पागल हो गए हैं इस बलात्कारी के पीछे…क्यों मरने मारने पर उतारू हो गए हैं…आखिर है क्या इस बाबा में….?
दरअसल इस बाबा में कुछ नही है…लोग इस समय दुखी हैं…वो आध्यात्म की और मुड़ना चाहते हैं,ईश्वर को जानना चाहते हैं,तथाकथित जन्म से ब्राह्मणों द्वारा फैलाये गए पाखण्ड से बाहर निकलना चाहते हैं,इस जन्म मरण से पीछा छुड़ाकर मोक्ष की तरफ जाना चाहते हैं….
इस बाबा ने इस डेरे ने सिर्फ एक काम किया है कि वो हम आर्यों से पहले इन लोगों तक पहुँच गया….हम आर्यों में से कुछ तो खण्डन में लगे रहे,कुछ स्वयं को सही रास्ता मिल जाने पर अपने आप तो इस मार्ग पर चलते रहे पर औरों को न बता पाये…कुछ अपने ज्ञान का राजनितिक फायदा उठाने में लग गए..
जबकि ऋषि दयानन्द ने कहा था कि खण्डन के साथ साथ मण्डन अवश्य होना चाहिए…आप इनकी मूर्तियों का खण्डन तो करते रहे पर इन्हें ईश्वर व धर्म विषय पर सही से मार्ग नही दिखा पाये….जो अपने हित में ही लगे रहे वो भूल गए कि मनुष्य को अपने सुख में ही खुश न रहकर सबके सुख की कामना करनी चाहिए व प्रयत्न करना चाहिए…और आर्यों को राजनीती करनी चाहिए पर किसी गलत व्यक्ति के गलत पार्टी के गलत नियमो में बंधकर नही….आर्य समाज को आज तक बंधुआ वोटर समझा जाता रहा है…कांग्रेस जैसी भृष्ट पार्टी को आर्यों ने इतने लम्बे समय तक समर्थन दिया यह हमारी राजनितिक सोच की बहुत बड़ी कमी थी….आज कांग्रेस में धोखा खाकर आर्य समाज बीजेपी के साथ खड़ा है….
ऐसे डेरों व बाबाओं की समर्थक जनता का कसूर नही है…वो बेचारे मार्ग की तलाश में हैं…अब मार्गदर्शन वो ही कर सकता है जो कि मार्ग जानता हो….और आर्य समाज से बेहतर मार्गदर्शन कोई नही कर सकता….तो यह उस जनता की कमी है या हम आर्यों की नाकामी…..
पहले गांव में 4 -5 आर्य समाजी होते थे जो कि बस इसे ही अपना संगठन समझते थे…पर अब गांव के गांव आर्य बनने की और अग्रसर हैं….यह सब सम्भव होता नजर आ रहा है आर्य निर्मात्री सभा के कारण….अभी इस भीड़ को मार्गदर्शन की आवश्यकता है….आर्यों यह समय है तुम्हारी योग्यता दिखाने का…इन्हें इस पाखण्ड से निकाल कर इन्हें सत्य को और ले आओ…बढ़ा लो एक और कदम भारत को पुनः आर्यवर्त बनाने की और…जो काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था उसे यह पीढ़ी अवश्य करेगी यही प्रण हम सबका होना चाहिए….
निवेदन—ईश्वर ,धर्म,राष्ट्र इन विषयों को समझने के लिए कृपया आर्य निर्मात्री सभा द्वारा लगाई जाने वाली दो दिवसीय कक्षा में बैठिये व आपके सम्पर्क में जो भी ऐसे बाबाओं के पिछलग्गू लोग हैं उन्हें भी इस सत्र में बिठाएँ…
धन्यवाद…!